प्रवासी कामगारों को बरेली में किया गया सेनिटाइज, विपक्ष ने की आलोचना

लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के क्रम में दूसरे प्रदेशों और जिलों से आने वाले प्रवासी कामगारों को संक्रमण मुक्त करने के लिए रविवार को बरेली बस अड्डे पर यातायात पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने सोडियम हाइपोक्लोराइड के घोल का उनपर छिड़काव किया। नोएडा जिला अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर अनुराग भार्गव ने बताया कि सोडियम हाइपोक्लोराइड घोल एक प्रकार का रसायन है जिसके 0.5 प्रतिशत घोल (जिसे डायकिन घोल भी कहा जाता है) का इस्तेमाल किसी भी वस्तु को संक्रमण से मुक्त करने के लिए होता है, सामान्य तौर पर अस्पतालों में इसके 0.5 या 1 प्रतिशत घोल का इस्तेमाल रोजमर्रा की सफाई के लिए होता है। इस घटना की सपा, बसपा व कांग्रेस ने कटु आलोचना की है।  सूत्रों ने बताया, ‘‘रविवार रात पुलिस की मौजूदगी में अस्थाई बस अड्डे पर जिले से गुजर रहे सैकड़ों लोगों को यातायात पुलिस ने पहले एक जगह बैठने को कहा। फिर उनपर पर दमकल गाड़ियों से सोडियम हाइपोक्लोराइड युक्त पानी का छिड़काव किया गया। घोल का पानी आंखों में पड़ने से कुछ लोगों की आंखें लाल हो गयीं, जलन होने लगी और बच्चे ज्यादा परेशान हो गए।’’ उन्होंने बताया, ‘‘इन कामगारों पर दो बार छिड़काव किया गया। कुछ देर के लिए वहां भगदड़ मच गयी।’’ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘‘यात्रियों को संक्रमण मुक्त करने के लिए किए गए केमिकल (रसायनिक घोल के) छिड़काव से उठे कुछ सवाल- क्या इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश हैं? केमिकल से हो रही जलन का क्या इलाज है? भीगे लोगों के कपड़े बदलने की क्या व्यवस्था है? साथ में भीगे खाने के सामान की क्या वैकल्पिक व्यवस्था?